भारतीय सभ्यता और संस्कृति विश्व की समस्त सभ्यताओं की जननी है यह सकल विश्व के प्राणियों की कामना करती है -श्री लक्ष्मी प्रपंन जीयर स्वामी
भारतीय सभ्यता और संस्कृति विश्व की समस्त सभ्यताओं की जननी है यह सकल विश्व के प्राणियों की कामना करती है -श्री लक्ष्मी प्रपंन जीयर स्वामी
रोहित सेठ
वाराणसी। वाराणसी के सामने घाट स्थित मारुति नगर में श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ विगत दिनों दिनों शुरू हुई है जिसमें आज महायज्ञ में आयोजित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए अपने प्रवचन में प्रख्यात श्री वैष्णव परिव्राजक संत श्री लक्ष्मी प्रपंन जियर स्वामी ने कहा कि भारतीय सभ्यता और संस्कृति विश्व की समस्त सभ्यताओं की जननी है और यह सकल विश्व के प्राणियों की कामना करती है वहीं आज इस यज्ञ में तुलसी शालिग्राम विवाह महोत्सव का भी भव्य आयोजन किया गया।
स्वामी जी ने कहा कि आप उस देश के वासी हैं जहां नित्य प्रति हवन होता था,वैदिक मंत्रोच्चार से देवताओं का आवाहन होता था, वेद हमारी संस्कृति के मूल है और यज्ञ सामाजिक न्याय और खुद की स्थापना के साधन रहे हैं ।
अंत में इस महायज्ञ के अध्यक्ष जगतगुरु आचार्य शिवपूजन शास्त्री जी ने समस्त काशी वासियों से इस महायज्ञ में शामिल होने का आग्रह किया, वही इस आयोजन के सह मीडिया प्रभारी डॉक्टर छविनाथ उपाध्याय एवं डॉ प्रमोद कुमार पांडेय ने महायज्ञ के विषय वस्तु पर प्रकाश डाला।
इस यज्ञ में प्रमुख रूप से पंडित शिवपूजन शास्त्री, डॉक्टर धीरेंद्र तिवारी, योगेश त्रिपाठी, डॉ छविनाथ उपाध्याय, डॉक्टर प्रमोद कुमार पांडेय, सूर्यबली चौबे, एवं महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पूर्व अध्यक्ष नीलमणि तिवारी सहित कई अन्य लोग मौजूद रहे।
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