पत्रकार जान जोखिम में डालकर पत्रकारिता के दायित्वों का निर्वहन करते है - डॉक्टर गीता रानी रोहित सेठ आज का दिन( 3 मई)अंतरराष्ट्रीय पत्रकारिता स्वतंत्रता दिवस के नाम से जाना जाता है । पूरे विश्व में आज पत्रकारों के त्याग , तपस्या और बलिदान का स्मरण किया गया । अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने भारत की राजधानी नई दिल्ली से एक संदेश जारी करते हुए कहा कि हमारे लिए गौरव का विषय है कि हमारे देश में पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है । भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में पत्रकार जगत की अग्रणीय भूमिका रही । स्वतंत्रता मिलने के बाद भारत के नवनिर्माण म भारतीय पत्रकारों और उनकी पत्रकारिता का अविस्मरणीय योगदान की यात्रा आज भी निरंतर जारी है हिन्दू महिला सभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर गीता रानी ने पत्रकारिता स्वतंत्रता दिवस पर कहा कि पत्रकारों को हमेशा अपनी जान जोखिम के डालकर पत्रकारिता के दायित्वों को निभाना पड़ता है । सत्य की तह में जानें के लिए विरोधियों और माफियाओं की धमकियों और जानलेवा हमलों से गुजरना पड़ता है । पत्रकार आदर्श समाज और मानवता के लिए हमेशा अपना बलिदान देता रहा । उन्होंने कहा कि पत्रकारों की सुरक्षा और उनके आर्थिक कल्याण की योजनाओं का अभाव एक बड़ी पीड़ा का विषय है । पत्रकारों की इस पीड़ा को दूर करने के लिए शासन को उचित कदम उठाने चाहिए ।
रोहित सेठ
आज का दिन( 3 मई)अंतरराष्ट्रीय पत्रकारिता स्वतंत्रता दिवस के नाम से जाना जाता है । पूरे विश्व में आज पत्रकारों के त्याग , तपस्या और बलिदान का स्मरण किया गया । अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने भारत की राजधानी नई दिल्ली से एक संदेश जारी करते हुए कहा कि हमारे लिए गौरव का विषय है कि हमारे देश में पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है । भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में पत्रकार जगत की अग्रणीय भूमिका रही । स्वतंत्रता मिलने के बाद भारत के नवनिर्माण म भारतीय पत्रकारों और उनकी पत्रकारिता का अविस्मरणीय योगदान की यात्रा आज भी निरंतर जारी है
हिन्दू महिला सभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर गीता रानी ने पत्रकारिता स्वतंत्रता दिवस पर कहा कि पत्रकारों को हमेशा अपनी जान जोखिम के डालकर पत्रकारिता के दायित्वों को निभाना पड़ता है । सत्य की तह में जानें के लिए विरोधियों और माफियाओं की धमकियों और जानलेवा हमलों से गुजरना पड़ता है । पत्रकार आदर्श समाज और मानवता के लिए हमेशा अपना बलिदान देता रहा । उन्होंने कहा कि पत्रकारों की सुरक्षा और उनके आर्थिक कल्याण की योजनाओं का अभाव एक बड़ी पीड़ा का विषय है । पत्रकारों की इस पीड़ा को दूर करने के लिए शासन को उचित कदम उठाने चाहिए ।
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