आर्य महिला हितकारणी का चुनाव प्रकरणरोहित सेठ महापरिषदआर्य महिला हितकारणी महापरिषद सदस्य सत्य नारायण पाण्डेय जी ने बताया कि दोनो समानांतर प्रबंध समितियों के विवाद पर अंतिम विराम लगाते हुए उच्च न्यायालय ने अपने आदेश दिनांक 19.04.2023 द्वारा दोनों समानान्तर चुनावों की निरस्त करते हुए सहायक निबंधक फर्म्स सोसाइटीज एवं चिट्स वाराणसी को संस्था की प्रबंध समिति का पुनः नियमानुसार निष्पक्ष व पारदर्शितापूर्ण नया चुनाव संपादित करने का आदेश पारित करते हुये जिलाधिकारी वाराणसी को सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चत करने हेतु निर्देशित कर दिया है। ज्ञातव्य हो कि संस्था की सर्वोच्च बॉडी ऑल इंडिया कौंसिल के निर्णय के अनुसार संस्था के पंजीकृत कार्यालय परिसर में गत 18.02.2022 को संरक्षक सभा के पदाधिकारियों व कोसिल के सदस्यों का चुनाव संपन्न हुआ था जिसके अनुसार मै जनरल सेक्रेटरी निर्वाचित हुए थे जिसके विपरीत जाकर डॉ० शशिकांत दीक्षित द्वारा आर्य महिला पी.जी. कॉलेज में उसी तिथि को प्रबंध समिति का एक समानान्तर चुनाव करा कर सहायक निबंधक फर्म्स सोसाइटीज एवं चिट्स वाराणसी से अपने पक्ष में आदेश प्राप्त कर लिया था। चार माह तक कोई प्रबन्ध समिति नहीं थी बैंक ट्रांजैक्शन भी बंद था परन्तु मनमाने तरीके से कई शिक्षण एवं शिक्षणेतर कर्मचारियों को हटा दिया गया था और कई न्यूक्तिया अवैध तरीके से कि गयी। आर्य महिला नागरमल मुरारका मॉडल स्कूल के प्रधानाचार्यो के वेतन का दुगुना वेतन वहां के क्लर्क विनोद वर्मा का वैतन है जिससे वहां हो रहे हैं अनियमितता का प्रत्यक्ष प्रमाण है जिसके विरुद्ध मैंने उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत कर सहायक निबंधक के आदेश को चुनौती दी थी जिस पर उच्च न्यायालय द्वारा सहायक निबंधक के आदेश को निरस्त कर दोनों समानान्तर प्रबंध समितियों के विवाद को निस्तारण हेतु विहित प्राधिकारी उप जिलाधिकारी सदर वाराणसी को सन्दर्भित कर दिया थापत्रांक जिसके विरुद्ध डॉ० शशिकांत दीक्षित ने उच्च न्यायालय में स्पेशल अपील दाखिल किया था जिसे उच्च न्यायालय की डबल बेंच ने खारिज करते हुए उच्च न्यायालय की सिंगल बेंच का आदेश पुष्ट कर दिया था जिसके उपरान्त विहित प्राधिकारी उप जिलाधिकारी सदर वाराणसी ने उक्त संदर्भ वाद का निस्तारण करते हुए डॉ० शशिकांत दीक्षित के पक्ष में आदेश पारित कर दिया जिसके विरुद्ध मैंने पुनः उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की गयी थी जिसका अंतिम निस्तारण करते हुए उच्च न्यायालय द्वारा विहित प्राधिकारी उप जिलाधिकारी सदर वाराणसी के आदेश को निरस्त करने के साथ ही दोनों समानान्तर प्रबंध समितियों के विवादित चुनावों को भी निरस्त करके फिर से नए सिरे से सहायक निबंधक को संस्था का नया चुनाव कराए जाने का आदेश दिया है जिसके फल स्वरूप उक्त विवाद का पटाक्षेप हो गया है। श्री आर्य महिला हितकारिणी महापरिषद वाराणसी के आजीवन सदस्य सत्यनारायण पाण्डेय ने संस्था के महामंडल भवन स्थित मुख्य कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में दूसरे पक्ष की विधिशून्य प्रबंध समिति की पदाधिकारी श्रीमती पूजा दीक्षित द्वारा महिलाओं की शिक्षा हेतु नगर की अग्रणी प्राचीनतम संस्था श्री आर्य महिला हितकारिणी महापरिषद द्वारा संचालित आर्य महिला बाल विभाग के संबंध में प्रचारित यह भ्रामक सूचना कि बाल विभाग का भवन जर्जर हो जाने के कारण विद्यालय की छात्राओं की सुरक्षा हेतु बाल विभाग बंद किया गया है जिसका खंडन श्री पाण्डेय जी ने किया डा शशिकांत दीक्षित, व उनके पुत्र डा. अनुराग दीक्षित व पुत्रवधू पूजा दीक्षित द्वारा अपने निहित स्वार्थ में वर्ष 1933 से गरीब व मध्यम वर्गीय परिवार की बालिकाओं की शिक्षा हेतु संचालित विद्यालय आ. म बाल विभाग का न केवल भवन के जर्जर होने का झूठा बहाना करके उक्त विद्यालय को अचानक बंद कर उन्हें शिक्षा से वंचित करने का षडयंत्र किया जा रहा है। तथा जिसकी वजह से छात्राओं व स्थानीय अभिभावकों में काफी रोष व असंतोष है। इन बच्चियों की अंग्रेजी माध्यम के आर्य महिला नागरमल मुरारका माडल स्कूल, जो सीबीएसई से संबद्ध है तथा जिसकी फीस हजारों रुपये माहवार है, में एडमिशन लेने व फीस भरने की हैसियत भी नहीं है। बाल विभाग के तीन मंजिला का पुनर्निर्माण वर्ष 1994 में किया गया था तथा उक्त भवन अत्यन्त सुन्दर है जिसे जानबूझ कर अपने निहित स्वार्थ में जर्जर जाहिर किया जा रहा है। प्रबंधक अनुराग दीक्षित व उनकी पत्नी पूजा दीक्षित सहायक प्रबंधक उक्त भवन में कोई व्यावसायिक गतिविधि संचालित करना चाहते हैं जिसकी वजह से बिना किसी वैधानिक अधिकार के बाल विभाग बंद कर गरीब व निर्बल वर्ग की छात्राओं को उनकी शिक्षा से वंचित करने का निर्णय लिया गया है जो सामान्य जनता, छात्राओं व विद्यालय के शिक्षण व गैर शिक्षण कर्मचारियों के हित में नहीं है और अन्याय पूर्ण कार्यवाही है जिसका हम सभी प्रबल विरोध करते हैं।उक्त प्रेस वार्ता में श्री विनोद शंकर उपाध्याय, अधिवक्ता कृष्णा गोपाल पोद्दार, विनोद शंकर पाण्डेय, डॉक्टर प्रेम शंकर पाण्डेय, मुकेश पाठक, प्रोफेसर शैलेन्द्र उपाध्याय, शलभ शर्मा, गोपाल नारायण पाण्डेय, शिव प्रसाद श्रीवास्तव आदि लोग उपस्थित रहे।

आर्य महिला हितकारणी का चुनाव प्रकरण

रोहित सेठ 

महापरिषदआर्य महिला हितकारणी महापरिषद सदस्य सत्य नारायण पाण्डेय जी ने बताया कि दोनो समानांतर प्रबंध समितियों के विवाद पर अंतिम विराम लगाते हुए उच्च न्यायालय ने अपने आदेश दिनांक 19.04.2023 द्वारा दोनों समानान्तर चुनावों की निरस्त करते हुए सहायक निबंधक फर्म्स सोसाइटीज एवं चिट्स वाराणसी को संस्था की प्रबंध समिति का पुनः नियमानुसार निष्पक्ष व पारदर्शितापूर्ण नया चुनाव संपादित करने का आदेश पारित करते हुये जिलाधिकारी वाराणसी को सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चत करने हेतु निर्देशित कर दिया है। ज्ञातव्य हो कि संस्था की सर्वोच्च बॉडी ऑल इंडिया कौंसिल के निर्णय के अनुसार संस्था के पंजीकृत कार्यालय परिसर में गत 18.02.2022 को संरक्षक सभा के पदाधिकारियों व कोसिल के सदस्यों का चुनाव संपन्न हुआ था जिसके अनुसार मै जनरल सेक्रेटरी निर्वाचित हुए थे जिसके विपरीत जाकर डॉ० शशिकांत दीक्षित द्वारा आर्य महिला पी.जी. कॉलेज में उसी तिथि को प्रबंध समिति का एक समानान्तर चुनाव करा कर सहायक निबंधक फर्म्स सोसाइटीज एवं चिट्स वाराणसी से अपने पक्ष में आदेश प्राप्त कर लिया था। चार माह तक कोई प्रबन्ध समिति नहीं थी बैंक ट्रांजैक्शन भी बंद था परन्तु मनमाने तरीके से कई शिक्षण एवं शिक्षणेतर कर्मचारियों को हटा दिया गया था और कई न्यूक्तिया अवैध तरीके से कि गयी। आर्य महिला नागरमल मुरारका मॉडल स्कूल के प्रधानाचार्यो के वेतन का दुगुना वेतन वहां के क्लर्क विनोद वर्मा का वैतन है जिससे वहां हो रहे हैं अनियमितता का प्रत्यक्ष प्रमाण है जिसके विरुद्ध मैंने उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत कर सहायक निबंधक के आदेश को चुनौती दी थी जिस पर उच्च न्यायालय द्वारा सहायक निबंधक के आदेश को निरस्त कर दोनों समानान्तर प्रबंध समितियों के विवाद को निस्तारण हेतु विहित प्राधिकारी उप जिलाधिकारी सदर वाराणसी को सन्दर्भित कर दिया थापत्रांक जिसके विरुद्ध डॉ० शशिकांत दीक्षित ने उच्च न्यायालय में स्पेशल अपील दाखिल किया था जिसे उच्च न्यायालय की डबल बेंच ने खारिज करते हुए उच्च न्यायालय की सिंगल बेंच का आदेश पुष्ट कर दिया था जिसके उपरान्त विहित प्राधिकारी उप जिलाधिकारी सदर वाराणसी ने उक्त संदर्भ वाद का निस्तारण करते हुए डॉ० शशिकांत दीक्षित के पक्ष में आदेश पारित कर दिया जिसके विरुद्ध मैंने पुनः उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की गयी थी जिसका अंतिम निस्तारण करते हुए उच्च न्यायालय द्वारा विहित प्राधिकारी उप जिलाधिकारी सदर वाराणसी के आदेश को निरस्त करने के साथ ही दोनों समानान्तर प्रबंध समितियों के विवादित चुनावों को भी निरस्त करके फिर से नए सिरे से सहायक निबंधक को संस्था का नया चुनाव कराए जाने का आदेश दिया है जिसके फल स्वरूप उक्त विवाद का पटाक्षेप हो गया है। श्री आर्य महिला हितकारिणी महापरिषद वाराणसी के आजीवन सदस्य सत्यनारायण पाण्डेय ने संस्था के महामंडल भवन स्थित मुख्य कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में दूसरे पक्ष की विधिशून्य प्रबंध समिति की पदाधिकारी श्रीमती पूजा दीक्षित द्वारा महिलाओं की शिक्षा हेतु नगर की अग्रणी प्राचीनतम संस्था श्री आर्य महिला हितकारिणी महापरिषद द्वारा संचालित आर्य महिला बाल विभाग के संबंध में प्रचारित यह भ्रामक सूचना कि बाल विभाग का भवन जर्जर हो जाने के कारण विद्यालय की छात्राओं की सुरक्षा हेतु बाल विभाग बंद किया गया है जिसका खंडन श्री पाण्डेय जी ने किया डा शशिकांत दीक्षित, व उनके पुत्र डा. अनुराग दीक्षित व पुत्रवधू पूजा दीक्षित द्वारा अपने निहित स्वार्थ में वर्ष 1933 से गरीब व मध्यम वर्गीय परिवार की बालिकाओं की शिक्षा हेतु संचालित विद्यालय आ. म बाल विभाग का न केवल भवन के जर्जर होने का झूठा बहाना करके उक्त विद्यालय को अचानक बंद कर उन्हें शिक्षा से वंचित करने का षडयंत्र किया जा रहा है। तथा जिसकी वजह से छात्राओं व स्थानीय अभिभावकों में काफी रोष व असंतोष है। इन बच्चियों की अंग्रेजी माध्यम के आर्य महिला नागरमल मुरारका माडल स्कूल, जो सीबीएसई से संबद्ध है तथा जिसकी फीस हजारों रुपये माहवार है, में एडमिशन लेने व फीस भरने की हैसियत भी नहीं है। बाल विभाग के तीन मंजिला का पुनर्निर्माण वर्ष 1994 में किया गया था तथा उक्त भवन अत्यन्त सुन्दर है जिसे जानबूझ कर अपने निहित स्वार्थ में जर्जर जाहिर किया जा रहा है। प्रबंधक अनुराग दीक्षित व उनकी पत्नी पूजा दीक्षित सहायक प्रबंधक उक्त भवन में कोई व्यावसायिक गतिविधि संचालित करना चाहते हैं जिसकी वजह से बिना किसी वैधानिक अधिकार के बाल विभाग बंद कर गरीब व निर्बल वर्ग की छात्राओं को उनकी शिक्षा से वंचित करने का निर्णय लिया गया है जो सामान्य जनता, छात्राओं व विद्यालय के शिक्षण व गैर शिक्षण कर्मचारियों के हित में नहीं है और अन्याय पूर्ण कार्यवाही है जिसका हम सभी प्रबल विरोध करते हैं।

उक्त प्रेस वार्ता में श्री विनोद शंकर उपाध्याय, अधिवक्ता कृष्णा गोपाल पोद्दार, विनोद शंकर पाण्डेय, डॉक्टर प्रेम शंकर पाण्डेय, मुकेश पाठक, प्रोफेसर शैलेन्द्र उपाध्याय, शलभ शर्मा, गोपाल नारायण पाण्डेय, शिव प्रसाद श्रीवास्तव आदि लोग उपस्थित रहे।

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