पूर्वांचल अध्यक्ष श्रीकांत पांडे व पूर्वांचल महिला अध्यक्ष सुनीता अग्रवाल संयुक्त रूप से चैत्र नवरात्र हिंदू नव वर्ष के उपलक्ष में सभी प्रदेशवासियों को बधाई दीरोहित सेठवाराणसी बुधवार से चैत्र नवरात्रि की शुरूआत हो चुकी है. चैत्र नवरात्रि के पहले दिन यानी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि पर घर-घर में घटस्थापना की जाती है. इसके बाद पूरे नौ दिन तक देवी के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना होती है. अखिल भारत हिंदू महासभा के पूर्वांचल अध्यक्ष श्रीकांत पांडे व पूर्वांचल महिला अध्यक्ष सुनीता अग्रवाल संयुक्त रूप से चैत्र नवरात्र हिंदू नव वर्ष के उपलक्ष में सभी प्रदेशवासियों को बधाई दी व पत्रकारों से बताया कि "चैत्र माह और हिन्दू नव वर्ष का पहला त्यौहार नवरात्रि पड़ता है जिसमें 9 दिनों तक मां दुर्गा की पूर्ण श्रद्धा से पूजा की जाती है. नवरात्रि में जो इंसान देवी मां की सच्चे मन से आराधना करता है, उसे मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. इस बार 22 मार्च से 30 मार्च तक चैत्र नवरात्रि है। घरों में कई लोग अखंड ज्योति जलाते हैं, कलश की स्थापना करते हैं, साथ ही अष्टमी और नवमी को कन्या की पूजा की जाती है। जिस तरह हम नवरात्रि में मातृशक्ति के अनेक स्वरूपों का पूजन करते हैं, उनका स्मरण करते हैं, उसी प्रकार घर में रहने वाली माता, पत्नी, बेटी, बहन इन सबको भी पूजनीय स्थान देना चाहिए, हमारे सभी धर्म ग्रंथों में नारी के महत्व को बताते हुए कहा गया है यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता अर्थात ? | जहां नारी की पूजा होती है, वहीं देवताओं का वास होता है।

पूर्वांचल अध्यक्ष श्रीकांत पांडे व पूर्वांचल महिला अध्यक्ष सुनीता अग्रवाल संयुक्त रूप से चैत्र नवरात्र हिंदू नव वर्ष के उपलक्ष में सभी प्रदेशवासियों को बधाई दी

रोहित सेठ

वाराणसी बुधवार से चैत्र नवरात्रि की शुरूआत हो चुकी है. चैत्र नवरात्रि के पहले दिन यानी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि पर घर-घर में घटस्थापना की जाती है. इसके बाद पूरे नौ दिन तक देवी के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना होती है. अखिल भारत हिंदू महासभा के पूर्वांचल अध्यक्ष श्रीकांत पांडे व पूर्वांचल महिला अध्यक्ष सुनीता अग्रवाल संयुक्त रूप से चैत्र नवरात्र हिंदू नव वर्ष के उपलक्ष में सभी प्रदेशवासियों को बधाई दी व पत्रकारों से बताया कि "चैत्र माह और हिन्दू नव वर्ष का पहला त्यौहार नवरात्रि पड़ता है जिसमें 9 दिनों तक मां दुर्गा की पूर्ण श्रद्धा से पूजा की जाती है. नवरात्रि में जो इंसान देवी मां की सच्चे मन से आराधना करता है, उसे मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. इस बार 22 मार्च से 30 मार्च तक चैत्र नवरात्रि है। घरों में कई लोग अखंड ज्योति जलाते हैं, कलश की स्थापना करते हैं, साथ ही अष्टमी और नवमी को कन्या की पूजा की जाती है। जिस तरह हम नवरात्रि में मातृशक्ति के अनेक स्वरूपों का पूजन करते हैं, उनका स्मरण करते हैं, उसी प्रकार घर में रहने वाली माता, पत्नी, बेटी, बहन इन सबको भी पूजनीय स्थान देना चाहिए, हमारे सभी धर्म ग्रंथों में नारी के महत्व को बताते हुए कहा गया है यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता अर्थात ? | जहां नारी की पूजा होती है, वहीं देवताओं का वास होता है।

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