चेयरमैन अलापुर हुमा फ़हीम व लेखाधिकारी गार्गी गुप्ता ने की ज़िलाधिकारी अवनीश कुमार राय सहित मंडलीय अधिकारियों से लगायी न्याय की गुहार
चेयरमैन अलापुर हुमा फ़हीम व लेखाधिकारी गार्गी गुप्ता ने की ज़िलाधिकारी अवनीश कुमार राय सहित मंडलीय अधिकारियों से लगायी न्याय की गुहार
संवाददाता मसर्रत अली
बदायूँ की नगर पंचायत अलापुर की चेयरमैन हुमा फ़हीम व लेखाधिकारी गार्गी गुप्ता ने ज़िलाधिकारी अवनीश कुमार राय सहित मंडलीय अधिकारियों से लगायी न्याय की गुहार लगाई हैं अपने पत्र में अलापुर की चेयरमैन हुमा फ़हीम ने कहाँ कि लगभग 08 माह की गर्भवती हूँ तथा मेरा नियमित चिकित्सकीय उपचार डॉ0 आभा मजूमदार के पर्यवेक्षण में सर गंगाराम अस्पताल, नई दिल्ली में चल रहा है। चिकित्सकीय परामर्श के कारण मैं दिनांक-12-12-2025 से दिनांक-23-12-2025 तक निरंतर दिल्ली में ही उपस्थित थी। इस अवधि में जनपद बदायूँ अथवा नगर पंचायत अलापुर में मेरी कोई भौतिक उपस्थिति नहीं थी। अतः आरोपित घटना की तिथि के समय मेरा नगर पंचायत अलापुर में उपस्थित होना पूर्णतः असंभव है, जिसकी पुष्टि चिकित्सकीय अभिलेखों एवं लोकेशन विवरण से सहज रूप से की जा सकती है।
उन्होंने कहाँ कि ई-निविदा से संबंधित एक प्रकरण में मेरे विरुद्ध आरोप लगाए गए हैं, जिनमें यह दर्शाया गया है कि मेरे हस्ताक्षर बनाकर ई-निविदा की समय-सीमा बढ़ाई गई है। महोदय, मैं स्पष्ट रूप से अवगत कराना चाहती हूँ कि ई-निविदा की संपूर्ण तकनीकी एवं प्रशासनिक प्रक्रिया अध्यक्ष के कार्यक्षेत्र में नहीं आती है। ई-टेंडर प्रक्रिया से अध्यक्ष का कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं होता है, न ही अध्यक्ष का कोई डी0एस0सी0 (क्ैब्) उपयोग में लिया जाता है तथा न ही अध्यक्ष को ई-टेंडर पोर्टल के संचालन का कोई तकनीकी अधिकार अथवा प्रशिक्षण प्राप्त होता है। यह संपूर्ण कार्य अधिशासी अधिकारी स्तर का कार्य होता है।
कहाँ कि प्रकरण का एक महत्वपूर्ण एवं प्रासंगिक पक्ष यह भी है कि इससे पूर्व अधोहस्ताक्षरी द्वारा श्री त्रिवेन्द्र कुमार, अधिशासी अधिकारी, नगर पंचायत अलापुर के विरुद्ध ई-निविदा प्रक्रिया प्रारम्भ न किए जाने, निर्धारित तिथि पर निविदाएं न खोले जाने तथा विकास कार्यों में अनावश्यक विलंब बरते जाने के संबंध में जिलाधिकारी, जनपद बदायूँ को पत्रांकः-960/न0पं0अलापुर/2025-26 दिनांक-14.11.2025 व पत्रांकः-930/न0पं0अलापुर/2025-26 के माध्यम से लिखित रूप से शिकायत की गई थी।उक्त शिकायत के अनुपालन में ई-निविदाएं तो आमंत्रित की गईं, किंतु उन्हें दिनांक-22-12-2025 को निर्धारित समय पर नहीं खोला गया, जिसके संबंध में अधोहस्ताक्षरी द्वारा पुनः जिलाधिकारी महोदय को तथा पत्रांकः-952/न0पं0अलापुर/2025-26 दिनांकः-24/12/2025 के माध्यम से शिकायत प्रस्तुत की गई थी।उपरोक्त तथ्यों से यह स्पष्ट परिलक्षित होता है कि ई-निविदा से संबंधित प्रशासनिक विवाद पूर्व से लंबित था, जिसके पश्चात वर्तमान प्राथमिकी में मेरे विरुद्ध गंभीर आरोप लगाए गए हैं। यह स्थिति संदेह उत्पन्न करती है कि आरोप वास्तविक तथ्यों पर आधारित न होकर परिस्थितिजन्य दबाव अथवा प्रतिशोध की भावना से प्रेरित हो सकते हैं।
आगे कहा कि यह भी स्पष्ट करना है कि मेरे द्वारा किसी भी समय ई-निविदा की समय-सीमा बढ़ाने हेतु कोई संस्तुति, अनुमति अथवा आदेश नहीं दिया गया है। मेरे कथित हस्ताक्षरों का दुरुपयोग कर ई-निविदा प्रक्रिया में समय-सीमा को अवैध रूप से विस्तारित किया गया है तथा उसी कृत्य को आधार बनाकर मेरे विरुद्ध निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं। प्रथम दृष्टया यह प्रतीत होता है कि ई-निविदा प्रक्रिया को प्रभावित करने, पूर्व से लंबित प्रशासनिक विवाद को दबाने एवं स्वयं की जवाबदेही से बचने की नीयत से मेरे विरुद्ध फर्जी हस्ताक्षरों के आधार पर झूठा अभियोग पंजीकृत कराया गया है, जिससे न केवल निविदा प्रक्रिया की निष्पक्षता प्रभावित हुई है बल्कि मेरी छवि को भी जानबूझकर धूमिल करने का प्रयास किया गया है।
निष्पक्ष जाँच की गुहार लगाते हुए कहा उपर्युक्त प्रकरण की निष्पक्ष, स्वतंत्र एवं तकनीकी जांच कराई जाए, जिसमें मेरी उक्त अवधि की लोकेशन/उपस्थिति, चिकित्सकीय अभिलेख, ई-निविदा पोर्टल के तकनीकी लॉग, डिजिटल हस्ताक्षर के उपयोग से संबंधित अभिलेख की गहनता से जांच कर वास्तविक तथ्यों को प्रकाश में लाया जाए, जिससे वास्तविक दोषी की पहचान संभव हो सके। साथ ही यह भी प्रार्थना है कि जांच पूर्ण होने तक मेरे विरुद्ध किसी प्रकार की दंडात्मक अथवा प्रतिकूल कार्रवाई न की जाए तथा मेरी गरिमा, मान-सम्मान एवं पद की प्रतिष्ठा को सुरक्षित रखा जाए।
वही लेखाधिकारी गार्गी गुप्ता ने कहाँ अधिशासी अधिकारी पर डी0एस0सी0 (क्ैब्) एवं आई0डी0/पासवर्ड अपने पास रखने का आरोप लगाते हुए कहा कि त्रिवेन्द्र कुमार, अधिशासी अधिकारी, नगर पंचायत अलापुर द्वारा मुझ पर एक अत्यंत गंभीर आरोप लगाया गया है, जिसमें यह कहा गया है कि मेरे द्वारा उनके फर्जी हस्ताक्षर बनाकर ई-निविदा की समय-सीमा बढ़ाई गई है।
उक्त आरोप के संबंध में मैं ससम्मान यह स्पष्ट करना चाहती हूँ कि मेरा डी0एस0सी0 (क्ैब्) एवं आई0डी0/पासवर्ड विगत कई माह से उक्त अधिशासी अधिकारी के पास ही सुरक्षित था, क्योंकि ई-निविदा से संबंधित समस्त प्रक्रिया उनके द्वारा ही संपादित की जाती है। मुझे ई-टेंडर पोर्टल के संचालन का कोई तकनीकी ज्ञान अथवा प्रशिक्षण प्राप्त नहीं है। चूँकि उक्त अधिकारी मेरे कार्यपालक अधिकारी हैं, इसलिए निविदा प्रक्रिया पूर्ण होने तक उनसे डी0एस0सी0 वापस माँगना आवश्यक भी नहीं समझा गया।
यह भी उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी ई-निविदा से संबंधित प्रक्रियाएँ मेरे डी0एस0सी0 (क्ैब्) एवं आई0डी0/पासवर्ड का उपयोग करते हुए उक्त अधिशासी अधिकारी द्वारा उनकी संबंधित नगर पंचायत उसहैत में संपादित की गई थीं। इसी प्रकार वर्तमान में भी ई-निविदा/टैण्डर की प्रक्रिया उनकी संबंधित नगर पंचायत सैदपुर में कराई जा रही है, जिसकी निष्पक्ष जांच कराई जाना आवश्यक है। अतः यह स्पष्ट है कि मेरी डी0एस0सी0 (क्ैब्) एवं आई0डी0/पासवर्ड का उपयोग करते हुए ई-निविदा की समय-सीमा बढ़ाने की प्रक्रिया मेरे संज्ञान के बिना की गई है, जिसमें मेरी कोई भूमिका नहीं है। साथ ही यह भी निवेदन है कि मुझे ई-टेंडर पोर्टल के संचालन अथवा तकनीकी प्रक्रियाओं का कोई प्रशिक्षण अथवा अधिकार प्रदान नहीं किया गया है। इस प्रकरण से मुझे किसी प्रकार का प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष लाभ प्राप्त नहीं हुआ है।इस प्रकरण की निष्पक्ष एवं तकनीकी जांच कराई जाए तथा संबंधित समयावधि की मेरी लोकेशन/उपस्थिति का सत्यापन कराया जाए, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि मैं उस समय नगर पंचायत अलापुर कार्यालय में ही उपस्थित थी। डिजिटल हस्ताक्षर के उपयोग से संबंधित अभिलेखों की जांच कर सत्यता स्पष्ट की जाए, जिससे वास्तविक दोषी की पहचान हो सके। साथ ही यह भी प्रार्थना है कि जांच पूर्ण होने तक मेरे विरुद्ध किसी प्रकार की दंडात्मक अथवा प्रतिकूल कार्रवाई न की जाए तथा मेरी सेवा, मान-सम्मान एवं भविष्य को सुरक्षित रखा जाए।
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