अगर इंसान चाहे तो 40 % बिना डॉक्टर के खुद अपनी जान बचा सकता है‌। ,, डॉक्टर गयासुद्दीनआज दिनांक 22 फरवरी रूरल मेडिकल प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन के द्वारा आजोजित कार्यक्रम में दूर-दूर से आए डॉक्टरों ने भाग लियाअनवार अहमद एजुकेशन सेंटर कुंदन ऑडियो में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में पधारे कानपुर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ गयासुद्दीन मोहम्मद ने लोगों को फर्स्ट एड के बारे में जानकारी दी उन्होंने यह भी बताया की डॉक्टर के बिना रोजमर्रा की जिंदगी में किसी न किसी इंसान के दिल का दौरा पड़ जाता है और सांस रुक जाती है जिसको आप खुद उस मर्ज को सही कर सकते हैं जैसे कि अगर किसी की सांस रुक जाए तो हमको उसके सीना कम से कम 2 इंच पंच करना चाहिए दबाना चाहिए जिससे इंसान की सास वापस आ सकती है वहीं दूसरी ओर उन्होंने कहा कि जिस तरीके से बड़ों के सीने में हवा लगभग 500 पाउंड हवा अपने मुंह से उसकी जान बचाने के लिए डाल सकते हैं इसी को देखते हुए उन्होंने बताया कि अगर बच्चा इस बीमारी से जूझ रहा है तो हमको अपनी पूरी सास एक साथ नहीं डालनी है क्योंकि बच्चे के 200 एयर जा सकती है‌। इसलिए हमें इसका ध्यान रखना चाहिए रोजमर्रा की जिंदगी में इंसान 40 परसेंट खुद अपने आप पर इलाज कर सकता है ।इस मौके पर कंपनी प्रबंध निदेशक रवि कपूर जी डॉक्टर मुशीर खान डॉक्टर रामशंकर डॉक्टर विवेक कुमार डा0 मुबारक अली डॉक्टर डॉक्टर जयकिशन डॉ विवेक कुमार आदि उपस्थित रहे।

उन्नाव से ब्यूरो चीफ मोहम्मद जमाल की खास रिपोर्ट 

अगर इंसान चाहे तो 40 % बिना डॉक्टर के खुद अपनी जान बचा सकता है‌।
 ,, डॉक्टर गयासुद्दीन

आज दिनांक 22 फरवरी 
रूरल मेडिकल प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन के द्वारा आजोजित कार्यक्रम में दूर-दूर से आए डॉक्टरों ने भाग लिया
अनवार अहमद एजुकेशन सेंटर कुंदन ऑडियो में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
 जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में पधारे कानपुर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ गयासुद्दीन मोहम्मद ने लोगों को फर्स्ट एड के बारे में जानकारी दी 
उन्होंने यह भी बताया की डॉक्टर के बिना रोजमर्रा की जिंदगी में किसी न किसी इंसान के दिल का दौरा पड़ जाता है और सांस रुक जाती है जिसको आप खुद उस मर्ज को सही कर सकते हैं जैसे कि अगर किसी की सांस रुक जाए तो हमको उसके सीना कम से कम 2 इंच पंच करना चाहिए दबाना चाहिए जिससे इंसान की सास वापस आ सकती है वहीं दूसरी ओर उन्होंने कहा कि जिस तरीके से बड़ों के सीने में हवा लगभग 500 पाउंड हवा अपने मुंह से उसकी जान बचाने के लिए डाल सकते हैं इसी को देखते हुए उन्होंने बताया कि अगर बच्चा इस बीमारी से जूझ रहा है तो हमको अपनी पूरी सास एक साथ नहीं डालनी है क्योंकि बच्चे के 200 एयर जा सकती है‌।
 इसलिए हमें इसका ध्यान रखना चाहिए रोजमर्रा की जिंदगी में इंसान 40 परसेंट खुद अपने आप पर इलाज कर सकता है ।
इस मौके पर कंपनी प्रबंध निदेशक रवि कपूर जी डॉक्टर मुशीर खान डॉक्टर रामशंकर डॉक्टर विवेक कुमार
 डा0 मुबारक अली डॉक्टर डॉक्टर जयकिशन डॉ विवेक कुमार आदि उपस्थित रहे।

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