महाराजा सुहेलदेव राजभर जी की 1014 वी जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।
महाराजा सुहेलदेव राजभर जी की 1014 वी जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।
रोहित सेठ
वाराणसी राष्ट्र, समाज, संस्कृति और सभ्यता की लड़ाई लड़ने वाले महान योद्धा धर्म परायण चक्रवर्ती सम्राट राष्ट्रवीर महाराजा सुहेलदेव राजभर जी के स्वर्णिम इतिहास को आज कौन नहीं जानता। कालांतर में देश के सुरमाओं
का इतिहास लिखने वालों इतिहास-कारों के दुरभिसंधि के परिणाम स्वरूप सुहेलदेव राजभर जी का स्वर्णिम इतिहास छिपाने के पीछे क्या कारण रहा यह शोध का विषय है।
लेकिन आज से 20 वर्ष पहले बाबा सारंगनाथ की पावन धरती सारनाथ बनारस में माननीय ओमप्रकाश राजभर जी ने संकल्प उठाया कि जब तक अपने पूर्वज अपने पुरोधा देश के महानायक चक्रवर्ती सम्राट महाराजा सुहेलदेव राजभर जी के स्वर्णिम इतिहास को देश के सामने नहीं रख दूंगा तब तक चैन से नहीं बैठूंगा!
पूर्व के इतिहासकारों ने महाराजा सुहेलदेव राजभर के इतिहास को छिपाने का प्रयास किया, लेकिन आज देश व प्रदेश का हर बच्चा उनके शौर्य से वाकिफ है। शोध में यह भी जानने की कोशिश होनी चाहिए कि इतिहासकारों ने ऐसा क्यों किया?
संतोष पाल ,रमेश पाल,राकेश पाल,अशोक पाल,राकेश गोंड सपा छोड़कर सुभासपा में शामिल हुए,
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